चिकू बॉय और ट्रैक्टर: New Hindi Kahani

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चिकू बॉय और ट्रैक्टर : Letest New Hindi Kahani

एक छोटे से गाँव में, हरियाली के बीच बसा था एक झोपड़ी। उस झोपड़ी में रहता था चिकू नाम का एक बारह साल का लड़का। चिकू के पिता किसान थे, और उनकी ज़िंदगी खेतों में मेहनत करके गुज़रती थी। चिकू को खेलने-कूदने का बहुत शौक था, लेकिन उसकी सबसे बड़ी दिलचस्पी थी गाँव के बीच में खड़े पुराने ट्रैक्टर में। वह ट्रैक्टर कई सालों से बेकार पड़ा था, पर चिकू उसे अपना सबसे अच्छा दोस्त मानता था। उसने उसका नाम रख दिया था—”ट्रैक्टर राजा”।

एक दिन, चिकू ने अपने पिता से पूछा, “पापा, ये ट्रैक्टर क्यों नहीं चलता?” पिता ने आँखों में उदासी लिए जवाब दिया, “बेटा, इसका इंजन खराब हो गया है। इसे ठीक करवाने के पैसे नहीं हैं।” चिकू का दिल टूट गया, लेकिन उसने ठान लिया कि वह किसी भी तरह ट्रैक्टर को ठीक करके रहेगा।

अगले ही दिन से, चिकू ने ट्रैक्टर की मरम्मत शुरू कर दी। वह गाँव के लोहार चाचा के पास जाता, पुराने पुर्जे इकट्ठा करता, और घंटों ट्रैक्टर के साथ बैठकर कोशिश करता। गाँव वाले उस पर हँसते, “अरे चिकू! ये लोहा का ढेर कभी चलेगा नहीं!” पर चिकू हार मानने वाला नहीं था।

एक रात, भारी बारिश शुरू हो गई। नदी का पानी खेतों में घुसने लगा। सभी किसानों की फसल डूबने लगी। चिकू के पिता बेबस होकर देख रहे थे। तभी चिकू को याद आया—अगर ट्रैक्टर चल पड़े, तो उससे नालियाँ खोदकर पानी बाहर निकाला जा सकता है! वह बारिश में भीगता हुआ ट्रैक्टर के पास पहुँचा। उसने आखिरी बार इंजन को ठोका… और अचानक ट्रैक्टर का इंजन गरजा! चिकू की मेहनत रंग लाई थी—ट्रैक्टर चल पड़ा!

चिकू ने ट्रैक्टर को खेतों की तरफ मोड़ा और तेज़ी से नालियाँ खोदनी शुरू कीं। देखते ही देखते, पानी बाहर निकलने लगा। गाँव वाले हैरान रह गए! सभी ने मिलकर चिकू की मदद की, और फसल बच गई। उस दिन के बाद, चिकू “ट्रैक्टर राजा” का हीरो बन गया।

कुछ दिनों बाद, गाँव में एक बड़ी समस्या आई। बाज़ार तक जाने वाला पुल टूट गया था, और मवेशी व गाड़ियाँ फँस गए थे। चिकू ने ट्रैक्टर से लकड़ी और पत्थर ढोकर नया पुल बनाने का सुझाव दिया। सबने साथ दिया, और ट्रैक्टर राजा की ताकत से पुल बन गया। अब तो गाँव वाले चिकू को “छोटा इंजीनियर” कहने लगे!

एक दिन, गाँव में एक अमीर व्यापारी आया। उसने ट्रैक्टर देखा और चिकू के पिता से कहा, “मैं इसे महंगे दाम में खरीदूँगा।” चिकू का दिल बैठ गया। पर पिता ने गर्व से कहा, “ये ट्रैक्टर अब सिर्फ़ लोहा नहीं, हमारे बेटे की मेहनत और गाँव की शान है। इसे बेचूँगा नहीं।”

आज भी वह ट्रैक्टर गाँव की मुसीबतों का साथी है, और चिकू उसे चलाकर सबकी मदद करता है। उसकी कहानी सुनकर बच्चे सीखते हैं—”हिम्मत और मेहनत से कोई भी मुश्किल आसान हो जाती है।”

सीख : चिकू की कहानी हमें सिखाती है कि जुनून और लगन से हर असंभव काम संभव हो जाता है। ट्रैक्टर की तरह, हर चीज़ का मूल्य उसकी उपयोगिता में होता है, न कि उसकी चमक-दमक में।

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